डोनाल्ड ट्रंप को लुटेरा कहते कतर के अमीर का वीडियो डीपफेक है
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो को कतर के अमीर शेख तमीम अल थानी के 2017 के एक इंटरव्यू की फुटेज के साथ छेड़छाड़ कर एआई द्वारा बनाया गया है.



कतर के अमीर शेख तमीम अल थानी द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लुटेरा कहे जाने के दावे से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो 2017 में तमीम अल थानी द्वारा अमेरिकी मीडिया आउटलेट सीबीएस न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू का हिस्सा है. उसमें वह सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और मिस्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण मध्य पूर्व में बने कूटनीतिक संकट पर बात कर रहे थे.
वीडियो का विश्लेषण करने पर हमें पता चला कि वीडियो में एआई जनित वॉइस क्लोन को अलग से जोड़ा गया है. एआई डिटेक्शन टूल ने भी इस तथ्य की पुष्टि की है.
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर किया है, वीडियो में सुना जा सकता है कि अमीर तमीम अल थानी कह रहे हैं कि "मुझे लुटेरे ट्रंप को मध्य पूर्व में आमंत्रित करने का अफसोस है." आगे वह कहते हैं, "वह यहां पुरस्कार, झरने, पर्यटक स्थलों, स्वर्णिम स्वागत समारोहों, निजी उड़ानों का आनंद लेने आए थे."
इंस्टाग्राम पर इस वीडियो को अंग्रेजी कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसका हिंदी अनुवाद है, 'एक और पीड़ित.. रिपब्लिकन पार्टी राष्ट्रीय पार्टी है, भ्रष्टाचार अपने चरम पर है. डोनाल्ड ट्रंप और उसके नस्लवादी, फासीवादी जोकरों का सर्कस. इस प्रशासन में एक भी रिपब्लिकन नहीं मिलेगा जो भ्रष्ट न हो...'

वायरल वीडियो को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है.
बूम को वेरिफिकेशन के लिए यह वीडियो व्हाट्सएप टिपलाइन (+917700906588) पर भी प्राप्त हुआ.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम को संबंधित कीवर्ड के साथ सर्च किया.
सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो के विजुअल वाला 2017 में अल थानी द्वारा अमेरिकी मीडिया आउटलेट CBS News को दिया गया पूरा इंटरव्यू मिला.
वीडियो में अल थानी के कपड़े और बैकग्राउंड वायरल वीडियो से मैच कर रहा है.
वीडियो में अल थानी सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और मिस्र द्वारा लगाई गई नाकेबंदी के बाद मध्य पूर्व में उपजे कूटनीतिक संकट के बारे में बात कर रहे हैं. इस वीडियो में अल थानी के द्वारा ट्रंप के ऊपर कोई भी टिप्पणी नहीं की गई है.
वीडियो का बारीकी से विश्लेषण करने पर हमने पाया कि अल थानी की आवाज, उनके होंठों की गति के साथ मैच नहीं कर रही.
इसके बाद हमें वीडियो को एआई डिटेक्शन टूल Hive Moderator पर रन किया, टूल ने वीडियो के एआई जनित होने की प्रबल संभावना बताई.

वीडियो की जांच के लिए हमने डीपफेक एनालिसिस यूनिट में अपने सहयोगियों से भी संपर्क किया. जिन्होंने इसके ऑडियो को University at Buffalo की मीडिया फोरेंसिक लैब द्वारा विकसित एआई डिटेक्शन टूल Deepfake-O-Meter पर रन किया.

Deepfake-O-Meter पर सात में से चार ऑडियो क्लासिफायर ने ऑडियो ट्रैक के एआई-जनरेटेड होने की उच्च संभावना बताई.