मनोहरलाल धाकड़ केस में शामिल महिला के दावे से AI जनरेटेड तस्वीरें वायरल
बूम ने पाया कि बीजेपी मेंबर के अश्लील वीडियो केस में शामिल महिला के दावे से वायरल तस्वीरें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई हैं.



सोशल मीडिया पर बीजेपी मेंबर मनोहरलाल धाकड़ के आपत्तिजनक वीडियो मामले में शामिल महिला के दावे से फर्जी तस्वीरें वायरल हैं.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल तस्वीरें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई हैं. वहीं बूम से बातचीत के दौरान मध्य प्रदेश पुलिस ने भी महिला के नाम को लेकर किए जा रहे दावों का खंडन किया है. पुलिस की ओर से अब तक महिला की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है.
बूम ने इससे पहले भी इस मामले में शेयर किए गए एक असंबंधित वीडियो का फैक्ट चेक किया था. इस दावे में एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर की पहचान मनोहरलाल धाकड़ के साथ दिख रही महिला के रूप में की गई थी.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर आपत्तिजनक वीडियो के सामने आने के बाद मनोहरलाल धाकड़ को मध्य प्रदेश की मंदसौर पुलिस ने BNS की कई धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था हालांकि एक दिन बाद ही उन्हें जमानत मिल गई. इस मामले में शामिल महिला के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई है.
इसके अलावा वीडियो वायरल होने के संबंध में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने तीन कर्मचारियों को सस्पेंड किया है.
एक्स पर पहली तस्वीर को शेयर करते हुए एक वेरिफाइड यूजर ने महिला का नाम लुबना कुरैशी बताया.
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फेसबुक पर एक यूजर इसी दावे से एक अन्य तस्वीर साझा की.
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एक अन्य फेसबुक यूजर ने भी इस प्रकरण से जोड़कर लुबना कुरैशी के दावे से एक तीसरी तस्वीर भी शेयर की.
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फैक्ट चेक: तीनों तस्वीरें एआई जनित हैं
हमने मामले से संबंधित मीडिया रिपोर्ट में पाया कि आधिकारिक तौर पर आरोपी महिला की पहचान उजार नहीं की गई है.
तस्वीरों को गौर से देखने पर हमने पाया कि इसमें मौजूद महिलाओं के चेहरे हूबहू एक जैसे नहीं हैं. साथ ही इनकी बनावट और चमक भी वास्तविक नहीं लगती. उदाहरण के लिए एक तस्वीर में महिला की आईब्रो बाहर तक उभरी हुई देखी जा सकती है. इससे हमें अंदेशा हुआ कि तस्वीरें डिजिटली क्रिएट की गई हैं.
हमने तीनों तस्वीरों को एआई डिटेक्टर टूल पर चेक किया. Hivemoderation ने पहली तस्वीर के एआई जनरेटेड होने की संभावना 99.9 प्रतिशत जताई.
इस टूल ने दूसरी तस्वीर के एआई जनरेटेड होने की संभावना 80.4 प्रतिशत बताई.
Hivemoderation और Was it AI ने तीसरी तस्वीर को भी एआई जनित करार दिया.
अधिक जानकारी के लिए हमने मध्य प्रदेश के मंदसौर स्थित भानपुरा थाने के प्रभारी आरसी डांगी संपर्क किया जहां इस मामले की एफआईआर दर्ज की गई थी. उन्होंने बूम से बातचीत में बताया कि महिला के नाम को लेकर किए जा रहे दावों में कोई सत्यता नहीं है. उन्होंने कहा कि आरोपी महिला का नाम लुबना कुरैशी नहीं है.