India Pakistan: हाफिज सईद का आठ साल पुराना वीडियो हालिया बताकर वायरल
बूम ने पाया कि भारत-पाकिस्तान तनाव के हालिया संदर्भ से जोड़कर हाफिज सईद का वायरल हो रहा वीडियो साल 2017 का है.



सोशल मीडिया पर भारत-पाकिस्तान तनाव से जोड़कर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि हाफिज सईद फिर बाहर निकल आया है और कश्मीर की मांग कर रहा है.
बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. हाफिज सईद का यह वीडियो साल 2017 का है. तब पाकिस्तान सरकार ने उसे उसके चार सहयोगियों के साथ नजरबंद किया था. इसका हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव से कोई संबंध नहीं है.
26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान स्थित जिन नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया उनमें से लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना भी शामिल था.
इस वीडियो में हाफिज सईद मीडिया को संबोधित करते हुए कहता है, "मोदी का इसरार है और ट्रंप की शह है. हुकुमत-ए-पाकिस्तान की मजबूरियां हैं. अगर वो ये समझते हैं कि हमारी नजरबंदियों और पाबंदियों के साथ कश्मीर के मसले को पीछे फेंका जा सकता है तो ये मुमकिन नहीं है. कश्मीर की आजादी तक ये तहरीक जारी रहेगी."
वह आगे कहता है, "...हम पाकिस्तान के अंदर वो रवैया पेश करना चाहते हैं, जिससे पता चले कि हम पाकिस्तान की हिफाजत को उसी तरह अव्वलियत देते हैं.." वीडियो में एक हिस्से में उसे पुलिस वैन में जाते हुए देखा जा सकता है. वीडियो पर Associated Press (एपी) का लोगो भी मौजूद है.
फेसबुक पर एक यूजर ने वीडियो को हालिया बताकर शेयर किया और इसे भारत-पाकिस्तान तनाव तथा ऑपरेशन सिंदूर से जोड़ा.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो हाल का नहीं है
जांच के दौरान हमें एसोसिएटेड प्रेस आर्काइव के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो मिला. वहां यह वीडियो 5 फरवरी 2017 को अपलोड किया गया था, जिससे स्पष्ट था कि यह हाल का वीडियो नहीं है.
इसके डिस्क्रिप्शन में वीडियो की तारीख 31 जनवरी 2017 बताई गई थी. डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, तब पाकिस्तान सरकार ने हाफिज सईद को उसके चार सहयोगियों के साथ नजरबंद किया था.
हमने 2017 में हुई इस घटना से संबंधित अन्य न्यूज रिपोर्ट की भी तलाश की. 31 जनवरी 2017 की अलजजीरा की रिपोर्ट में बताया गया कि सईद को 30 जनवरी की देर रात धार्मिक संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के मुख्यालय से हिरासत में लिया गया और उसे पूर्वी शहर लाहौर में नजरबंद किया गया. इसमें भी वायरल वीडियो वाले विजुअल्स देखे जा सकते हैं.
पुलिस द्वारा उसके घर ले जाए जाने से पहले सईद ने कश्मीर का हवाला देते हुए मीडिया से कहा था, "हमें पाकिस्तान सरकार से नजरबंदी के आदेश प्राप्त हुए हैं और मेरा मानना है कि यह मेरे खिलाफ नहीं है, बल्कि यह कश्मीर संघर्ष को बाधित करने के उद्देश्य से किया गया एक अंतरराष्ट्रीय षडयंत्र है." इस दौरान उसने ट्रंप और मोदी सरकार भी आलोचना की थी.
2 फरवरी 2017 की आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने हाफिज की नजरबंदी को देश हित में बताया था. इस रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्तान ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हाफिज को प्रेस कॉन्फ्रेस करने दिया था.
आजतक की अक्टूबर 2017 की एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि 14 अक्टूबर 2017 को पाकिस्तान सरकार ने हाफिज सईद की हिरासत पांचवीं बार बढ़ाए जाने के लिए दी गई अपील वापस ले ली. इसमें भी कहा गया कि सईद और उसके चार सहयोगियों को 31 जनवरी को पंजाब सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून, 1997 के तहत 90 दिन के लिए एहतियातन नजरबंद किया था.
हमने हाफिज सईद के ताजा बयानों से जुड़ी खबरों की भी तलाश की पर हमें ऐसी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली कि उसने हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव के बाद इस संबंध में कोई बयान दिया हो.