पाकिस्तान में रेडिएशन रिसाव के दावे से फर्जी लेटर वायरल
बूम ने पाया कि वायरल पत्र में वर्तनी और व्याकरण संबंधी बहुत सारी गलतियां हैं. बूम ने यह भी पाया कि पत्र में लिखा गया विभाग पाकिस्तान में मौजूद ही नहीं है.



सोशल मीडिया पर पाकिस्तान सरकार के हवाले से एक पत्र वायरल है. पत्र में दावा किया गया है कि पाकिस्तान के उत्तरी हिस्से में औद्योगिक क्षेत्र में रेडिएशन का रिसाव हुआ है.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल पत्र फर्जी है, इसमें कई सारी भाषाई और व्याकरण की गलतियां हैं.
हाल ही में कई न्यूज चैनल्स ने पाकिस्तान के परमाणु ठिकाने किराना हिल्स पर भारत द्वारा हमला किये जाने के अनुमान से संबंधित कार्यक्रमों का प्रसारण किया था. भारतीय सेना ने 12 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किराना हिल्स को निशाना बनाने संबंधी अफवाह से इंकार किया था.
वायरल लेटर को रेडियोलॉजिकल सेफ्टी बुलेटिन शीर्षक के साथ जारी किया गया है. इसमें सबसे ऊपर पाकिस्तान के राष्ट्रीय चिन्ह के साथ पाकिस्तान सरकार लिखा हुआ है. पत्र में जलवायु परिवर्तन एवं परमाणु समन्वय मंत्रालय का उल्लेख भी है. पत्र में 13 मई 2025 की तारीख अंकित है. पत्र में गोपनीय और तत्काल जैसे शब्दों को जोड़कर एक आपातकालीन स्थिति से जोड़ने का प्रयास किया गया है.
पत्र में दावा किया गया है कि उत्तरी पाकिस्तान में स्थित एक स्थान पर रेडिएशन रिसाव की पुष्टि हुई है. पत्र में इसका कारण गैर विनाशकारी परीक्षण के लिए उपयोग किए जाने वाले इंडियम-192 कैप्सूल के स्थानांतरण के दौरान हुए मेकेनिकल फेल्योर को बताया गया है.
एक फेसबुक यूजर ने लेटर को शेयर करते हुए लिखा है, "अंत में पाकिस्तान सरकार ने रेडिएशन लीक की ख़बर की पुष्टि खुद ही कर दी है. भारतीय सेना को जाने-अनजाने ऐसा करने के लिए भर-भर कर बधाई और शुभकामनाएं कि भविष्य में पाकिस्तान के हाथ से ये न्यूक्लियर पावर छीन ही ले.."

फैक्ट चेक
बूम ने जांच में पाया कि पत्र में कम से कम 17 शब्द गलत तरीके से लिखे गए हैं, जिन्हें नीचे हाइलाइट किया गया है. इसके अलावा पत्र में व्याकरण संबंधी गलतियां भी हैं.

इसके अलावा, पत्र में लिखा गया ईमेल एड्रेस nrsd@env.go.v.pk पाकिस्तान सरकार द्वारा उपयोग किए जाने वाले आधिकारिक डोमेन (.gov.pk) से मेल नहीं खाता है. बूम ने इस पते पर एक ई-मेल भी भेजा, जिसका जवाब Address Not Found के रूप में मिला.
पत्र पर सबसे नीचे Malik Asad Rafique लिखा हुआ है, जिनका पद राष्ट्रीय रेडियोलॉजिकल सुरक्षा प्रभाग के महानिदेशक बताया गया है. जब हमने जांच की तब पता चला कि पाकिस्तान में ऐसा कोई विभाग मौजूद नहीं है.
हमें पाकिस्तान में रेडिएशन लीक से संबंधित किसी भारतीय, पाकिस्तानी या अंतर्राष्ट्रीय न्यूज आउटलेट की कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली.
पाकिस्तान की फैक्ट चेक संस्था जियो फैक्ट चेक ने बूम की ओर से पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण समन्वय मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद सलीम से संपर्क किया. उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल पत्र फ़र्जी है. पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्रालय की फैक्ट चेक यूनिट ने भी इस फर्जी पत्र को लेकर अपना खंडन जारी किया है.