भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा घर-घर सिंदूर बांटने की अटकलों के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि बिहार में सिंदूर बांटने गए बीजेपी पदाधिकारी पर महिलाओं ने हमला कर दिया.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह वीडियो साल 2020 का है, तब बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मुजफ्फरपुर के कुढ़नी क्षेत्र में गुस्साई महिलाओं ने बीजेपी विधायक केदार प्रसाद गुप्ता की प्रचार गाड़ी को वापस खदेड़ दिया था.
पिछले कुछ दिनों से 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बाद भाजपा द्वारा घर-घर सिंदूर पहुंचाने की अटकलें लगाई जा ही थीं. इसके बाद आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय समेत कई भाजपा नेताओं ने इन अटकलों और खबरों को फर्जी बताया.
करीब तीस सेकंड के इस वायरल वीडियो में कुछ महिलाएं अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए बीजेपी की प्रचार गाड़ी को वापस भेजते नजर आ रही हैं. वीडियो के अंत में उन महिलाओं के अलावा अन्य लोग भी प्रचार गाड़ी पर लगे पोस्टर फाड़ते नजर आ रहे हैं.
फेसबुक पर इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'बिहार में भाजपा के पदाधिकारी सिंदूर बांट रहे थे तो बिहार की महिलाओं ने जमकर की ठुकाई.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो पुराना है
रिवर्स इमेज सर्च और संबंधित कीवर्ड की मदद से हमें फेसबुक पर 24 और 25 अक्टूबर 2020 को पोस्ट किया गया वीडियो का लंबा वर्जन मिला. पोस्ट यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
पोस्ट के कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक वीडियो बिहार के मुजफ्फरपुर का है, जहां महिलाओं ने कुढ़नी से बीजेपी के विधायक केदार प्रसाद गुप्ता को अपशब्द कहे, पोस्टर फाड़े और प्रचार गाड़ी को वापस जाने पर मजूबर कर दिया.
आगे कीवर्ड की मदद से हमें इस घटना से संबंधित जनसत्ता की 25 अक्टूबर 2020 एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया कि मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में बिहार चुनाव के मद्देनजर समर्थन मांगने पहुंचे भाजपा विधायक केदार प्रसाद गुप्ता को जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ा.
केदार गुप्ता की गाड़ी जैसे ही गांव में दाखिल हुई वहां के लोगों ने, खासकर महिलाओं ने उनको खरी-खोटी सुनाई और प्रचार गाड़ी को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया. लोगों का कहना था कि इन पांच सालों में उन्होंने जनता की कोई सुध नहीं ली और वोट के समय उन्हें लोगों की याद आई है. वायरल वीडियो में भी महिलाओं को यह कहते हुए सुना जा सकता है.
हेडलाइंस बिहार नाम के यूट्यूब चैनल पर घटना से संबंधित 24 अक्टूबर 2020 की एक वीडियो रिपोर्ट देखी जा सकती है. इस वीडियो रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाला हिस्सा मौजूद है. इससे साफ है कि साल 2020 के वीडियो को गलत तरीके से हाल के संदर्भ से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.