'राजौरी में फिदायीन हमला', 'इस्लामाबाद में भारतीय सेना का कब्जा' और 'पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बंकर में छिपना', इन दावों को हिंदी न्यूज चैनल ने बिना वेरिफाइ किए प्रसारित किया.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि राजौरी में फिदायीन हमले का दावा गलत था. वहीं एक प्रमुख पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट ने बूम से बातचीत में शहबाज शरीफ के बंकर में छिपने के दावे का खंडन किया.
कई न्यूज चैनलों ने बिना किसी तरह की आधिकारिक पुष्टि के दावे किए, भ्रामक वीडियो चलाए और सैन्य कार्रवाई को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया.
बूम ने AajTak, Zee News और Times Now Navbharat जैसे हिंदी न्यूज चैनलों की कवरेज का विश्लेषण किया और पाया कि कैसे सनसनीखेज और गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग के जरिए एक गलत नैरेटिव गढ़ा गया.
Zee News पर शहबाज शरीफ के बंकर में छिपने का दावा
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के दौरान Zee News की रिपोर्टिंग सवालों के घेरे में आई. इन रिपोर्ट में पाकिस्तान में तख्तापलट, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बंकर में छिपने और 'भारतीय सेना द्वारा इस्लामाबाद पर कब्जा' का दावा किया गया.
जी न्यूज ने एक कवरेज के दौरान दावा किया कि पाकिस्तान आर्मी चीफ आसिम मुनीर को हिरासत में लिया गया है और उनकी जगह शमशाद मिर्जा को यह पद सौंपा जा रहा है.
शहबाज शरीफ के बंकर में छिपने के दावे पर बूम ने पाकिस्तान के प्रमुख मीडिया आउटलेट 'डॉन.कॉम' की डेप्युटी एडिटर जहरा मजहर से संपर्क किया. जहरा ने बूम को बताया, "हमने सरकार और शहबाज की पार्टी के अंतर्गत अपने संपर्कों से इस बारे में पूछा जिन्होंने इसका खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है."
मजहर ने बूम को यह भी स्पष्ट किया कि उनकी टीम ने अपने सूत्रों से संपर्क किया और उन्हें तख्तापलट या मुनीर की बर्खास्तगी का कोई संकेत नहीं मिला.
टाइम्स नाउ नवभारत ने कराची पोर्ट के दावे से चलाई गलत तस्वीरें
दोनों देशों के बीच तनाव के दौरान टाइम्स नाउ नवभारत के एंकर सुशांत सिन्हा और दिनेश गौतम अतिउत्साहित होकर कवरेज करते देखे गए. इस दौरान उन्होंने भारतीय सेना के पाकिस्तान में घुसने का दावा करते हुए स्टूडियो में ही तालियां बजाईं. स्टूडियो में शामिल एक्सपर्ट भी हाथ उठाकर विजय का ऐलान करते नजर आए.
इसके अलावा उन्होंने फिलाडेल्फिया में जनवरी 2025 में हुए प्लेन क्रैश के विजुअल को कराची पोर्ट में ब्लास्ट के दावे से शेयर किया और इसे एक्सक्सूलिव फुटेज बताया. बूम ने इस विजुअल का फैक्ट चेक भी किया.
बूम ने पाया कि टाइम्स नाउ नवभारत की रिपोर्ट में दिखाया गया वीडियो 31 जनवरी, 2025 को यूनाइटेड स्टेट के फिलाडेल्फिया में हुए प्लेन क्रैश का है. हमने कराची पोर्ट ट्रस्ट के जनसंपर्क कार्यालय से भी संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि बंदरगाह सामान्य रूप से काम कर रहा है और किसी भी नौसैनिक हमले का कोई संकेत नहीं है.
हमें बीबीसी उर्दू की वीडियो रिपोर्ट भी मिली जिसमें उन्होंने कराची पोर्ट से ग्राउंड जीरो रिपोर्टिंग करते हुए दिखाया कि वहां जहाज और कंटेनर नजर आ रहे हैं लेकिन किसी तरह के ब्लास्ट के निशान नहीं हैं.
इसके अलावा विदेश मंत्रालय शुक्रवार को सेना के साथ जॉइंट प्रेस ब्रीफिंग में भी भारत की ओर से किसी नेवी अटैक का जिक्र नहीं किया. इसके अलावा उन्होंने शहबाज शरीफ के सरेंडर या असीम मुनीर को पाकिस्तान के सेना प्रमुख के पद से बर्खास्त करने को लेकर भी कुछ नहीं कहा. दोनों देशों के किसी भी आधिकारिक बयान में इस्लामाबाद या कराची पर हमले का उल्लेख नहीं किया गया.
आज तक ने फिदायीन हमले की गलत जानकारी दी
आजतक चैनल पर सीनियर न्यूज एंकर अंजना ओम कश्यप और श्वेता सिंह द्वारा राजौरी में 120 आर्मी ब्रिगेड पर फिदायीन हमले की जानकारी दी गई. हालांकि बाद में सेना की ओर इस दावे का खंडन किया गया.
वहीं आजतक ने अपनी लाइव कवरेज के दौरान टू विंडो फ्रेम पर ड्रोन अटैक के नाम पर वीडियो गेम के फुटेज चलाए. उन्होंने इसे प्रतीकात्मक तस्वीरें बताया हालांकि कुछ सोशल मीडिया यूजर ने इसे सही मानकर शेयर कर दिया गया.
इसके बाद 9 मई 2025 को आज तक ने अपने बुलेटिन में भ्रामक खबर ऑनएयर करने के लिए माफी भी मांगी.
सरकार ने लाइव कवरेज पर लगाई रोक
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से एक नोटिस जारी कर लाइव कवरेज पर रोक लगाने का आदेश दिया. इसके साथ ही केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के खंड 6(1)(पी) के तहत केवल नामित अधिकारियों द्वारा अनुमति की बात कही गई. दरअसल बुधवार रात पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले के बाद चैनलों पर पाकिस्तान के हमले और काउंटर अटैक के लाइव वीडियो चलाए जाने लगे. इतना ही नहीं, इस दौरान लोकेशन का खुलासा भी किया गया.